एक दृश्यरतिक समलैंगिक नौकरानी निषिद्ध आनंद, बंधन और असहायता में लिप्त होती है। उसकी मालकिन की अनुपस्थिति उसकी इच्छा को भड़काती है, जिससे तीव्र एकल संतुष्टि होती है। यह महिला प्रधान कहानी नौकरानी और गुलाम के बीच की रेखाओं को धुंधला करते हुए समर्पण, बंधन और अपमान की गहराई की खोज करती है।.