तीन अतृप्त लोमड़ियां एक कामुक मुलाकात में गोता लगाती हैं, एक-दूसरे के शरीर की खोज करती हैं। हाथ और होंठ उनकी धड़कती इच्छाओं को सहलाते हैं, खुशी की एक ज्वलंत दावत को प्रज्वलित करते हैं। लय आपसी संतुष्टि की साझा परमानंद में बनाता है, चरमोत्कर्ष पर पहुंचता है।.